THE ULTIMATE GUIDE TO हिंदी कहानियां

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हिंदी कहानियां

महात्मा जी ने शांत भाव से फरमाया- तुम दोनों ही इस भूमि को अपना कहते हो और अपने अपने पक्ष में दलीले देते हो.

किन्तु दूसरा सिंह अपने दुर्ग में बैठा हैं, दुर्ग से बाहर आकर उसने हमारा रास्ता रोका था.

उस भूमि पर अपना अपना स्वामित्व जतलाने के लिए दोनों ही क्रोध से लाल पीले हो रहे थे. अपने अपने पक्ष में दलीले दे रहे थे.

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अपने वतन की मर्यादा रखने के लिए उनके उस ज्ञान मन्त्र को खरीदने की तम्मना जताई.

प्राध्यापक तीरथराम बड़े प्रसन्न हुए और कहने लगे- ” जीवन का भी यही रहस्य हैं,

समुद्र के किनारे एक ऊँचा पर्वत था. उस पर्वत तलहटी में एक साफ़ स्थान को चुनकर कुरज ब्याई और सत्रह अंडे लाई.

गर्भावस्था गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह

शीला उसी शाला की पांचवी क्लास की छात्रा थी. वह अपने मोहल्ले के बच्चों को अपने साथ ले जाती और छुट्टी के बाद वापिस घर तक लाती थी.

उसने उस बालक को पहचान लिया तथा बालक के स्वप्न की सारी बात राजा को बता डाली.

....!! सुहाना सफर..........!!!!!!! काफीं अच्छा सांग हैं ना मुझें भीं बेहद पसंद हैं खासकर ...

एक महात्मा जी कही जा रहे थे. मार्ग में उन्होंने एक स्थान पर दो व्यक्तियों को ऊँची आवाज में बोलते हुए सुना. दोनों ही हाथों में लठ लिए हुए एक दूसरे के प्राण लेने को तैयार दिखाई दे रहे थे.

ग्वाले ने कहा- ”मै तो नौकर हु, इससे अधिक देना मेरे हाथ की बात नही, लेनी हो तो एक बढ़िया गाय ले लो.

गर्भावस्था गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह

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